मधु और अंकुर की पहली मुलाक़ात ऑफिस के कैंटीन में हुई थी। दोनों ही करीब 22 साल के थे , फ्रेश ग्रेजुएट, नई-नई नौकरी, नई ज़िंदगी की शुरुआत। अंकुर को पहली बार में ही मधु की हँसी और उसकी मासूम मगर थोड़ा नखरीली अदाओं से कुछ तो खास महसूस हुआ था। और मधु? उसे अंकुर की सादगी और उसकी आंखों में छुपी शरारत बड़ी पसंद आई थी।
कुछ ही हफ्तों में दोनों का मुलाकात ऑफिस से बाहर भी होने लगा। कैफे, मूवी डेट, लॉन्ग वॉक — धीरे-धीरे उनकी दोस्ती ने प्यार का रूप लेना शुरू कर दिया।
मधु का फिगर वाकई कातिलाना था। हर ड्रेस उस पर वैसे ही खिलती थी जैसे बहार में गुलाब। अंकुर अक्सर उसे छेड़ते हुए कहता, “तू तो आफ़त है यार, ऑफिस में कोई काम करता भी है क्या, या बस तुझे ही घूरता रहता है सब?” और मधु हँसते हुए उसकी और करीब आ जाती थी।
दोनों के बीच रिश्ता अब काफी क्लोज़ हो चुका था। कई बार अकेले मिलने पर उनके बीच सब कुछ होता — प्यार, इमोशन, और कुछ पल जो सिर्फ़ उन दोनों के थे।
मधु का बर्थडे…
उस दिन सुबह से ही मधु का चेहरा खिला हुआ था। बर्थडे था और उसने उस दिन खास रेड कलर की ड्रेस पहनी थी, जिससे उसकी खूबसूरती और भी निखर गई थी। अंकुर ने उसे ऑफिस के बाद मिलने को बुलाया था, कह रहा था कि सरप्राइज देने वाला हैं।
शाम को जब मधु पहुँचती है तो अंकुर उसे एक प्यारा सा गिफ्ट बॉक्स देता है। गिफ्ट बॉक्स काफी आकर्षक पैकिंग में था जब वो उसे खोलती है तो अंदर से निकलता है Parfum और साथ में Lipcolor – एकदम बोल्ड शेड। मधु गिफ्ट पाकर बहुत खुश लग रही थी।
“तू जब ये परफ्यूम लगाकर लिपस्टिक लगाएगी ना, तो मेरी जान ही निकाल देगी,” अंकुर ने आंख मारते हुए कहा।
मधु शर्माते हुए मुस्कुराई, और बोली “आज ही ट्राय करूं क्या?”
वो जादुई रात …
उस दिन दोनों मधु के फ्लैट पर थे। हल्की सी रौशनी थी, बैकग्राउंड में धीमा रोमांटिक म्यूज़िक चल रहा था। मधु ने वॉशरूम में जाकर वो गिफ्ट किया हुआ परफ्यूम अपने गले और कलाई पर लगाया। उस खुशबू में एक अलग ही नशा था — सौम्य, लेकिन बहुत ही आकर्षक।
फिर उसने वो लिपस्टिक भी लगाई — रेड, ग्लॉसी और बिल्कुल वैसी जैसी अंकुर को पसंद थी।
जब वो कमरे में वापस आई, तो अंकुर जैसे कुछ पल के लिए साँस लेना भूल गया। “तू… मतलब तू कोई लड़की नहीं, तू तो ख्वाब है मधु…” उसने धीमे से कहा।
मधु उसके पास आई, उसकी शर्ट की कॉलर थाम कर बोली, “तो फिर इस ख्वाब को हकीकत बना ले, अंकुर…” और मुस्कराई।
उनकी आँखें मिलीं, होंठ करीब आए, और फिर जैसे वक़्त थम गया। दोनों ने एक-दूसरे को वैसे महसूस किया, जैसे पहली बार कोई इश्क़ को छू रहा हो। वो रात सिर्फ़ दो लोगो का मिलन नहीं, दो दिलों का मिलन थी।
मधु की सांसों में वो Skinn की खुशबू घुली थी, और अंकुर की उंगलियों में उसके लहराते बालों का जादू। चादरें गवाह बनीं उस प्यार की जो अब सिर्फ़ शब्दों तक सीमित नहीं था।
सुबह की पहली किरण…
सूरज की पहली किरण मधु के चेहरे पर पड़ रही थी जिसमे मधु काफी खूबसूरत लग रही थाई । अंकुर अभी भी उसके पास था, उसे देखते हुए जैसे कुछ सोच रहा हो।
मधु आंख खोलते हुए बोली, “क्या सोच रहा है?”
“यही कि ये खुशबू अब हमेशा मेरी ज़िंदगी में रहे,” उसने उसकी हथेली को चूमते हुए कहा।
मधु मुस्कुराई, “तो फिर ये सिर्फ़ खुशबू नहीं, तेरा प्यार है… जो अब मैं हर दिन लगाऊंगी।”
ख़त्म नहीं… ये तो शुरुआत है…
उनका रिश्ता अब और गहरा हो चुका था। एक ऐसा बंधन जिसमें प्यार था, फिज़िकल क्लोज़नेस थी, और सबसे ज़्यादा था एक-दूसरे के लिए रेस्पेक्ट। वो रात उनकी ज़िंदगी में एक नया मोड़ थी, जहाँ से उन्होंने साथ चलने का फैसला किया — बिना शर्त, बिना डर।
Note: ये कहानी का पहला भाग है, कहानी का अगला भाग बहुत जल्द आएगा, नीचे कमेंट कर के बताइये की ये कहानी आपको कैसी लगी ?