Tej Pratap Yadav Jaichand: पटना, अनुष्का यादव के साथ प्रेम प्रसंग और पार्टी-परिवार से निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने लंबे समय तक चुप्पी साधे रखी थी, लेकिन अब उन्होंने न सिर्फ अपने दिल की बात कही, बल्कि RJD में मौजूद कथित “जयचंदों” को भी खुली चेतावनी दे डाली। खास बात यह है कि तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए प्यार और समर्थन जताया है, जिससे बिहार की राजनीति में नया सियासी ड्रामा शुरू होने के आसार हैं।
Tej Pratap Yadav Jaichand Tweet: तेज प्रताप का तेजस्वी को संदेश: “मेरे अर्जुन, मैं तुम्हारे साथ हूं”
तेज प्रताप यादव ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक पोस्ट के जरिए अपने भाई तेजस्वी यादव को संबोधित किया। इस पोस्ट में उन्होंने तेजस्वी को “अर्जुन” और खुद को “कृष्ण” बताते हुए साफ कहा कि कोई भी उनकी जोड़ी को अलग नहीं कर सकता। उन्होंने लिखा, “मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नहीं हो सकोगे। कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं। हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा। बस मेरे भाई भरोसा रखना। मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं।”
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि भले ही वह अभी परिवार से दूर हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद और समर्थन हमेशा तेजस्वी के साथ रहेगा। उन्होंने तेजस्वी से माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी का ख्याल रखने की अपील करते हुए चेतावनी दी, “जयचंद हर जगह हैं, अंदर भी और बाहर भी।” इस बयान ने RJD के भीतर और बाहर खलबली मचा दी है।
मम्मी-पापा के लिए तेज प्रताप का प्यार
तेज प्रताप ने अपने पहले पोस्ट में माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्यार जताया। उन्होंने लिखा, “मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में समाई है। भगवान से बढ़कर हैं आप। आपका दिया हर आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है। आप हैं तो सबकुछ है। मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए।”
इस पोस्ट में तेज प्रताप ने यह भी कहा कि अगर लालू यादव न होते, तो न RJD होती और न ही “जयचंद जैसे लालची लोग” उनके साथ राजनीति कर रहे होते। इस बयान को कई लोग पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना मान रहे हैं, जिन्हें तेज प्रताप “जयचंद” कहकर पुकार रहे हैं।
जयचंद कौन? RJD में मची हलचल
तेज प्रताप के “जयचंद” वाले बयान ने बिहार की सियासत में हंगामा मचा दिया है। ऐतिहासिक रूप से “जयचंद” शब्द धोखेबाज और विश्वासघाती लोगों के लिए इस्तेमाल होता है। तेज प्रताप ने भले ही किसी का नाम साफ तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा RJD के उन नेताओं की ओर माना जा रहा है, जो उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
RJD के कुछ कार्यकर्ताओं और विश्लेषकों का कहना है कि तेज प्रताप का यह बयान पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को उजागर करता है। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में तेज प्रताप का यह बयान RJD के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है। कुछ लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि तेज प्रताप अपने निष्कासन के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं, जैसे नई पार्टी बनाना या लालू-राबड़ी मोर्चा को फिर से सक्रिय करना।
अनुष्का प्रकरण और निष्कासन की पूरी कहानी
तेज प्रताप यादव का यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अनुष्का यादव के साथ अपने 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने सख्त कदम उठाते हुए तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया। लालू ने अपने बयान में कहा था, “ज्येष्ठ पुत्र का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है।”
तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय ने भी इस मामले में लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब उन्हें प्रताड़ित किया गया, तब लालू परिवार का “सामाजिक न्याय” कहां था। ऐश्वर्या ने यह भी दावा किया कि तेज प्रताप की गलतियों को छिपाने के लिए उन्हें बदनाम किया गया।
वहीं, अनुष्का यादव के भाई आकाश यादव ने तेजस्वी पर तेज प्रताप की छवि खराब करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके परिवार को जान का खतरा है। इस पूरे प्रकरण ने लालू परिवार को सियासी और पारिवारिक तौर पर मुश्किल में डाल दिया है।
तेजस्वी का रुख: “निजी जीवन अलग, राजनीति अलग”
तेज प्रताप के निष्कासन पर तेजस्वी यादव ने सधा हुआ रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “तेज प्रताप वयस्क हैं और उन्हें अपने निजी जीवन के फैसले लेने का अधिकार है। लेकिन हमें ऐसी चीजें पसंद नहीं और न ही बर्दाश्त हैं।” तेजस्वी ने यह भी साफ किया कि वह बिहार की जनता के लिए काम करते हैं और इस तरह के विवादों से उनका ध्यान नहीं भटकेगा।
तेजस्वी के इस बयान से साफ है कि वह अपने बड़े भाई से दूरी बनाए रखना चाहते हैं, ताकि पार्टी की छवि पर ज्यादा असर न पड़े। हालांकि, तेज प्रताप के ताजा बयानों से यह भी जाहिर है कि वह तेजस्वी के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं और पार्टी में अपनी जगह बनाए रखने की कोशिश में हैं।
क्या होगा तेज प्रताप का अगला कदम?
तेज प्रताप के बयानों ने बिहार की सियासत में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वह अपने निष्कासन के खिलाफ कोर्ट जाएंगे? क्या वह लालू-राबड़ी मोर्चा को फिर से सक्रिय करने वाले हैं, जैसा कि उन्होंने 2019 में किया था? या फिर वह परिवार के साथ सुलह की कोशिश करेंगे?
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह बयान तेजस्वी को मजबूत करने की दिशा में एक कदम हो सकता है। वहीं, कुछ का कहना है कि यह लालू परिवार का “सियासी ड्रामा” है, जिसका मकसद बिहार चुनाव से पहले सुर्खियां बटोरना है।
बिहार की जनता की नजर
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेज प्रताप का यह बयान RJD के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदायक, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना साफ है कि तेज प्रताप का “जयचंद” वाला बयान पार्टी के भीतर और बाहर मौजूद उनके विरोधियों को काफी बेचैन कर सकता है। हसनपुर से विधायक तेज प्रताप की सियासी हैसियत भले ही तेजस्वी जितनी बड़ी न हो, लेकिन उनके बयान और हरकतें हमेशा सुर्खियां बटोरती रहती हैं।
अब सबकी नजर तेज प्रताप के अगले कदम पर टिकी है। क्या वह “कृष्ण” बनकर तेजस्वी के लिए “सारथी” बनेंगे, या फिर कोई नया सियासी तूफान खड़ा करेंगे? बिहार की जनता और RJD कार्यकर्ता इस सवाल का जवाब जानने को बेताब हैं।
आपको क्या लगता है? तेज प्रताप का यह बयान RJD के लिए नई मुसीबत बनेगा या तेजस्वी की राह आसान करेगा? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
नोट: यह आर्टिकल ताजा जानकारी और सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर लिखा गया है।
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