Romantic Story: दिल्ली की मानसून में ठंडी हवाएं और हल्की बारिश का मिजाज ही कुछ अलग और निराला होता है। उस दिन सड़कों पर पानी की छोटी-छोटी धाराएं बह रही थीं, बारिश बहुत तेज हो रही थी इतनी तेज की चारो तरफ सफेद धुँवा की तरह दिख रहा था जैसे सर्दी के मौसम में धुंध पड़ने से होता है कुछ ऐसा ही, सड़के पानी से भर चुकी थी।
और इन सब के बिच लोग अपने अपने घर की ओर भाग रहे थे। ऐसी ही एक शाम, 35 साल के अर्जुन अपनी कार में ऑफिस से घर लौट रहा था। अर्जुन का एक अपना ऑफिस था वह एक सफल बिजनेसमैन था , उसकी जिंदगी में सब कुछ था एक खूबसूरत पत्नी, एक प्यारा-सा बेटा, और एक बढ़िया घर, आखिर और क्या चाहिए। लेकिन फिर भी, उनकी जिंदगी में एक खालीपन था, जो शायद उनकी पत्नी रिया की व्यस्तता और उनके बीच बढ़ती दूरी की वजह से था।
उसी दौरान, सड़क के किनारे एक बस स्टॉप पर खड़ी 22 साल की अवनी को अर्जुन ने देखा। अवनी बारिश में भीग रही थी बस स्टॉप पर खड़ी थी उसके हाथ में एक किताब थी, जिसे वो अपनी जैकेट के नीचे छिपाने की बार बार कोशिश कर रही थी। उसका चेहरा थोड़ा परेशान जरूर था , लेकिन देखने में बेहद खूबसूरत था। हल्की-सी मुस्कान और आंखों में एक अनकहा सपना लिए अवनी वहां खड़ी थी और बार बार सड़क के दोनों तरफ देख रही थी जैसे किसी का इन्तजार कर रही है। अर्जुन की नजर अचानक उस पर ठहर गई। कुछ पल सोचने के बाद, उसनेअपनी कार धीरे की और खिड़की का शीशा नीचे किया।
“हाय, बारिश तेज हो रही है। अगर आपको कहीं जाना हो तो मैं ड्रॉप कर सकता हूं,” अर्जुन ने थोड़ा झिझकते हुए कहा।
अवनी ने पहले तो अजनबी की बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन फिर उसकी नजर अर्जुन की सच्ची आंखों पर पड़ी। उसने एक गहरी सांस ली और मुस्कुराते हुए कहा, “थैंक यू, लेकिन मुझे बस कॉफी शॉप तक जाना है, वो पास ही है।”
“फिर भी, बारिश में भीगने से अच्छा है कि मैं आपको छोड़ दूं,” अर्जुन ने हल्के से हंसते हुए कहा।
अवनी ने थोड़ा सोचा और फिर कार का दरवाजा खोलकर अंदर बैठ गई। कार में हल्की-सी गर्माहट थी और बाहर की बारिश की आवाज और साथ में कार के अंदर बहुत ही स्लो साउंड में रोमांटिक गाना प्ले हो रहा था।
कॉफी शॉप पहुंचते ही अवनी ने अर्जुन को धन्यवाद कहा और गाडी से उतर कर जाने लगी, लेकिन तभी अर्जुन ने पीछे से आवाज लगाई और अर्जुन ने कहा, अगर आप बुरा न मानें तो क्या मैं भी एक कॉफी पी सकता हूं? वैसे भी, बारिश में घर जल्दी पहुंचने की कोई जल्दी नहीं।
अवनी ने हंसते हुए कहा, “अरे, इतनी अच्छी कॉफी शॉप में कोई अकेले कॉफी नहीं पीता। चलिए, मेरे साथ।”
कॉफी शॉप की गर्माहट और कॉफी की खुशबू ने माहौल को और खूबसूरत बना दिया। दोनों कोने में एक छोटी-सी टेबल पर बैठे। अवनी ने अपनी किताब टेबल पर रखी, जिसका नाम था ‘द अल्केमिस्ट’। अर्जुन ने किताब देखकर कहा, “अच्छा, तो आप सपनों को हकीकत में बदलने वाली किताबें पढ़ती हैं?”
अवनी हंस पड़ी। “हां, मैं एक लेखिका बनना चाहती हूं। अभी कॉलेज में हूं, फाइनल ईयर। लेकिन लिखना मेरा जुनून है।”
अर्जुन ने उसकी बातों को काफी ध्यान से सुन रहा था। अवनी की आंखों में एक चमक थी, जो उसे अपनी जवानी के दिनों की याद दिला रही थी। उसने अवनी को बताया कि वो एक बिजनेसमैन हैं, और उनकी जिंदगी अब रूटीन में बदल चुकी है। दोनों की बातें इतनी सहज थीं कि समय का पता ही नहीं चला। बाहर अब बारिश थम चुकी थी, लेकिन दोनों की बातें अभी रुकने का नाम नहीं ले रही थीं।
अवनी ने अपनी कॉफी का आखिरी घूंट लिया और कहा, “आपकी जिंदगी तो बहुत परफेक्ट लगती है। फिर भी, आप इतने शांत क्यों लग रहे है ?
अर्जुन ने एक गहरी सांस ली और कहा, परफेक्ट दिखने वाली चीजें अंदर से हमेशा परफेक्ट नहीं होतीं।
अवनी ने उसकी आंखों में देखा, जैसे वो उसकी बातों के पीछे छिपी उदासी को पढ़ना चाहती हो। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी।
अगले कुछ दिन अर्जुन के लिए काफी अजीब थे। वो अवनी के बारे में सोचते रहता था। उसकी हंसी, उसकी बातें, और उसकी बड़ी और प्यारी आँखे और उनमे ढेर सारे सपने सब कुछ उसके दिमाग में घूम रहा था। लेकिन वो ये भी जनता था कि वो शादीशुदा हैं, और अवनी से दोबारा मिलना शायद सही नहीं होगा। फिर भी, नियति को कुछ और ही मंजूर था।
एक हफ्ते बाद, फिर से बारिश की एक शाम थी, मूसलाधार बारिश हो रही थी। अर्जुन उसी कॉफी शॉप के पास से गुजर रहा था , तो उसने अवनी को देखा। वो एक छोटी-सी छतरी के नीचे खड़ी थी, और बारिश की बूंदें उसकी छतरी से टकराकर नीचे falling थीं। अर्जुन ने बिना सोचे अपनी कार रोकी और अवनी को आवाज दी।
“फिर से बारिश में फंस गईं?” अर्जुन ने हंसते हुए कहा।
अवनी ने उसे देखा और उसकी आंखों में एक चमक आ गई। “लगता है बारिश को मुझसे प्यार हो गया है,” उसने मजाक में कहा।
इस बार अवनी बिना ज्यादा सोचे अर्जुन की कार में बैठ गई। दोनों फिर दूसरे कॉफी शॉप में पहुंचे। इस बार माहौल थोड़ा पहले से अलग था। दोनों के बीच एक अनकहा रिश्ता बनने लगा था। अवनी ने अपनी नई कहानी के बारे में बताया, जो उसने लिखना शुरू किया था। अर्जुन ने उसकी बातों को इतने ध्यान से सुना कि अवनी को लगा जैसे कोई उसकी हर बात को समझ रहा हो।
जब कॉफी खत्म हुई, तो बाहर बारिश और तेज हो गई थी। अर्जुन ने कहा, “लगता है आज हमें यहीं रुकना पड़ेगा।”
अवनी ने हंसते हुए कहा, “या फिर बारिश में भीगते हुए घर जाएं।”
अर्जुन ने उसकी बात सुनी और अचानक बोले, “चलो, भीगते हैं।”
अवनी हैरान रह गई। लेकिन अर्जुन की आंखों में एक शरारत थी, जो उसे रोक नहीं पाई। दोनों कॉफी शॉप से बाहर निकले और बारिश में भीगने लगे। बारिश की बूंदें उनके चेहरों पर गिर रही थीं, और दोनों हंस रहे थे। अवनी ने अपने हाथ फैलाए और बारिश का मजा लेने लगी। अर्जुन उसे देखकर मुस्कुरा रहा था। उस पल में कुछ ऐसा हुआ जैसे दोनों के बीच का फासला जैसे खत्म हो गया था।
उस रात के बाद, अर्जुन और अवनी की मुलाकातें काफी बढ़ने लगीं। कभी कॉफी शॉप में, तो कभी पार्क में, और कभी बारिश के बहाने। दोनों जानते थे कि उनका रिश्ता सही नहीं है, लेकिन दिल की बातें दिमाग की सुनती कहां हैं।
एक दिन, अवनी ने अर्जुन को अपनी एक अधूरी कहानी सुनाई। कहानी में एक ऐसे शख्स की बात थी, जो अपनी जिंदगी में खुशियां ढूंढ रहा था। अर्जुन ने उसकी कहानी सुनी और कहा, “तुम्हारी कहानियां सचमुच जादू करती हैं।”
अवनी ने उसकी आंखों में देखा और कहा, “और तुम मेरी कहानी का वो हिस्सा हो, जो मैंने कभी नहीं लिखा।”
उस पल में, दोनों के बीच एक गहरा सन्नाटा छा गया। अर्जुन ने अवनी का हाथ पकड़ा। उसका हाथ ठंडा था, लेकिन उसकी गर्माहट अर्जुन को सुकून दे रही थी। दोनों एक-दूसरे की आंखों में खो गए। बाहर बारिश की बूंदें खिड़की पर टकरा रही थीं, और अंदर उनके दिल एक-दूसरे से बात कर रहे थे।
अर्जुन ने धीरे से कहा, “अवनी, मैं जानता हूं कि ये गलत है। मैं शादीशुदा हूं। लेकिन तुमसे मिलने के बाद, मुझे लगता है कि मैं फिर से जिंदा हो गया हू ।
अवनी की आंखें नम हो गईं। उसने कहा, “मैं भी तुम्हें पसंद करती हूं, अर्जुन। लेकिन मैं नहीं चाहती कि तुम्हारी जिंदगी में मेरी वजह से कोई तूफान आए।
अवनी के मुँह से इतना सुनते ही अर्जुन ने झट से उसे गले लगा लिया और अपने आगोश में भर लिया, अवनी भी उस से लिपट गई और दोनों काफी देर तक ऐसे एक दूसरे को पकडे शांत खड़े रहे। फिर वो कुछ देर के बाद वो दोनों कार में बैठ गए और बहुत कुछ एक दूसरे के साथ शेयर किये। कार से निकलने के बाद
उस रात, दोनों ने फैसला किया कि वो एक-दूसरे से दूर रहेंगे। लेकिन क्या दिल का फैसला इतना आसान होता है?
अगले कुछ दिन अर्जुन और अवनी ने एक-दूसरे से बात नहीं की। अर्जुन अपनी जिंदगी में वापस लौटने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अवनी की यादें उन्हें चैन नहीं लेने दे रही थीं। अवनी भी अपनी कहानियों में खोई रहती, लेकिन हर कहानी में अर्जुन का चेहरा उभर आता।
एक दिन, अर्जुन को अवनी का एक मैसेज मिला। उसमें लिखा था, “मैंने अपनी कहानी पूरी कर ली है। क्या तुम इसे पढ़ना चाहोगे?”
अर्जुन बिना कुछ सोचे अवनी से मिलने पहुंच गए। अवनी ने उसे अपनी कहानी दी। कहानी का अंत दुखद था, लेकिन उसमें प्यार की गहराई थी। अर्जुन ने अवनी द्वारा लिखी कहानी पढ़ी और उसकी आंखें नम हो गईं।
“तुमने इसे इतना खूबसूरत क्यों लिखा?” अर्जुन ने पूछा।
अवनी ने मुस्कुराते हुए कहा, “क्योंकि ये हमारी कहानी है।”
उस वक़्त, अर्जुन ने अवनी को काफी जोर से गले लगा लिया। बारिश फिर से शुरू हो गई थी, और दोनों उस बारिश में भीगते हुए एक-दूसरे के काफी करीब थे। लेकिन दोनों ये बात अच्छे से जानते थे कि उनकी कहानी अधूरी ही रहने वाली है जो कभी पूरी नहीं होगा।
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