Delhi-Mumbai Expressway Scandal: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर वायरल हुए अश्लील वीडियो ने मंदसौर जिले में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में कथित भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। वीडियो में उनके साथ दिख रही महिला की पहचान भी हो गई है, और पुलिस का दावा है कि वह जल्द ही गिरफ्तार होगी। इस मामले में ब्लैकमेलिंग की आशंका को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने तीन कर्मचारियों को निलंबित किया है। आखिर क्या है ये पूरा मामला? आइए जानते हैं।
Delhi-Mumbai Expressway Scandal: क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे कांड?
मंदसौर जिले से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 13 मई को एक बेहद ही शर्मनाक घटना घटी, जिसका वीडियो 22 मई से ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इस वीडियो में कथित भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दिए। यह वीडियो हाईवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने बड़े हाईवे पर ऐसी हरकत कैसे हो सकती है, और इस वीडियो के पीछे की सच्चाई क्या है?
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए भानपुरा थाने में मनोहरलाल धाकड़ और अज्ञात महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्य), 285 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया।
कौन थी वीडियो में दिख रही महिला?
अमर उजाला में छपे एक लेख के अनुसार सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वीडियो में दिख रही महिला कौन थी। कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने दावा किया है कि यह महिला मंदसौर जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। उनके मुताबिक, महिला मनोहरलाल धाकड़ के संपर्क में अपने तबादले के सिलसिले में आई थी। चूंकि मनोहरलाल की पत्नी, सोहन बाई, मंदसौर जिले की वार्ड नंबर 8 से जिला पंचायत सदस्य हैं, और सरकारी स्कूल जिला पंचायत के अधीन आते हैं, इसलिए यह अंदेशा जताया जा रहा है कि मनोहरलाल ने महिला को तबादले का लालच या दबाव देकर इस स्थिति में फंसाया होगा।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि यह मामला बलात्कार जैसे गंभीर अपराध तक जा सकता है, और पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं की है। भानपुरा थाना प्रभारी आरसी डांगी ने बताया कि वीडियो में दिख रही महिला की पहचान हो चुकी है, और वह मनोहरलाल की पुरानी दोस्त है। पुलिस ने दावा किया है कि महिला की गिरफ्तारी जल्द होगी।
ब्लैकमेलिंग का एंगल और NHAI कर्मचारियों पर कार्रवाई
इस मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब यह बात सामने आई कि वीडियो 13 मई को रिकॉर्ड होने के बावजूद 22 मई को वायरल हुआ। पुलिस को शक है कि इस देरी के पीछे ब्लैकमेलिंग का खेल हो सकता है। मंदसौर पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने बताया कि हाईवे कंट्रोल रूम की भूमिका की भी जांच की जा रही है। NHAI ने इस मामले में अपने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जा सकता है।
स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि हाईवे जैसे सार्वजनिक स्थान पर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। कुछ लोगों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज को वायरल करने में NHAI कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है।
मनोहरलाल धाकड़ का राजनीतिक कनेक्शन
मनोहरलाल धाकड़ मंदसौर के बनी गांव के रहने वाले हैं और धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय सचिव थे। उनकी पत्नी सोहन बाई जिला पंचायत की सदस्य हैं और भाजपा समर्थित हैं। हालांकि, भाजपा ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। मंदसौर जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश दीक्षित और राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ किया कि मनोहरलाल धाकड़ पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं हैं।
धाकड़ महासभा ने भी मनोहरलाल को युवा संघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इस घटना ने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है, और विपक्षी दल इसे भाजपा के खिलाफ मुद्दा बनाने में जुट गए हैं।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई। कुछ लोग इसे मनोहरलाल धाकड़ की बेशर्मी बता रहे हैं, तो कुछ इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला मान रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जो काम सड़कों पर कुत्ते करते थे, अब वही काम भाजपा नेता कर रहे हैं।” वहीं, मशहूर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने भी इस मामले पर ट्वीट कर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा और लोगों को उनसे सावधान रहने की सलाह दी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
रतलाम रेंज के डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने इस कृत्य को निंदनीय बताया और कहा कि सार्वजनिक स्थान पर ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पुलिस ने मनोहरलाल धाकड़ से तीन घंटे तक पूछताछ की और उन्हें हाईवे पर घटनास्थल पर भी ले जाया गया।
पुलिस अब महिला की तलाश में जुटी है, और जल्द ही इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने मंदसौर की बदनामी कराई है, और वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त सजा मिले।
इस कांड क्या सबक मिलता है?
यह घटना न केवल मंदसौर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए एक सबक है। सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी हरकतें न सिर्फ कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि समाज के लिए भी शर्मिंदगी का कारण हैं। साथ ही, ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोपों ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है। यह देखना बाकी है कि पुलिस की जांच में और क्या खुलासे होते हैं, और क्या इस मामले में कोई बड़ा राजनीतिक या आपराधिक एंगल सामने आता है।
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